देखिये वेद में कहा गया है की- सम्राज्ञेधि श्वसुरेषु सम्राज्ञयुत देवृषु | ननान्दुः सम्राज्ञेधि सम्राज्ञयुत श्वश्रवाः ||४४|| (अथर्ववेद ४-१-४४) अर्थात- हे देवि ! अपने श्वसुर आदि के बीच तथा देवरों के बीच व ननन्द के साथ ससुराल में महारानी बन कर रह | वैदिक धर्म के अन्दर नारी की स्थिति पतिगृह में महरानी की है | वह सभी की आदरणीय होती है | सारे घर व परिवार का संचालन उसी के हाथ में रहता है घर की सारी सम्पति, धन, आभूषण सभी उसके अधिकार में रहते है | पति तथा परिवार के सभी लोग प्रत्येक महत्वपूर्ण काम में उसकी सलाह लेते हैं तथा उसकी इच्छानुसार ही सारे कार्य सम्पन्न होते हैं | इस्लाम मत के … Continue reading women in Vedas and in Islam→
इसी प्रकार की व्यवस्था तौरेत में लिखी हुई मिलती है जिसका निम्न प्रमाण दृष्टव्य है, देखिये वहां लिखा है की- “जब कई भाई संग (एक साथ) रहते हों और उनमें से एक निपुत्र मर जाए तो उसकी स्त्री का विवाह परगोत्री से न किया जाए, बल्कि उसके पति का भाई उसके पास जाकर उसे अपनी पत्नी कबूले और उससे पति के भाई का धर्म पालन करे” ||५|| “और जो पहिला बेटा उस स्त्री से उत्पन्न हो वह मरे हुवे भाई के नाम का ठहरे जिससे की उसका नाम इस्त्राएल में से न मिट जाए” ||६|| “यदि उस स्त्री के पति के भाई को उसे ब्याहना न भाए तो वह स्त्री नगर के मुख्य फाटक पर वृद्ध … Continue reading Niyog in Bible and in Quran : Aacharya Shir Ram Sharma→
इस्लाम में “मुता” नाम से एक प्रथा चालू है | किसी भी स्त्री को थोड़े समय के लिए कुछ घंटों या दिनों के लिए बीबी बना लेना और उससे विषयभोग करना तथा फिर सम्बन्ध विच्छेद करके त्याग देना “मुता” कहलाता है | यह इस्लाम का मजहबी रिवाज है | अय्याशी के लिए मुता करने पर औरत उस मर्द से अपनी मेहर (विवाह की ठहरौनी की रकम) या (फीस) मांगने की भी हकदार नहीं होती है | यदि मुता के दिनों वा घंटों में विषयभोग करने से उस स्त्री को गर्भ रह जावे तो उसकी उस मर्द पर कोई जिम्मेवारी नहीं होती है | कोई भी औरत कितने ही मर्दों से मुता करा सकती है या एक मर्द कितनी … Continue reading Muta in Islam (इस्लाम में “मुता” की विचित्र प्रथा)→
लौंडियों के बारे में पुस्तक रियाजुस्सालिहीन के पृष्ठ १४१ पर लिखा हैं की- अबूहुरैरा (हजरत) से रवायत है की- “रसूलल्लाह सलाल्लेहू वलैहीअसल्लम हजुरे पाक से रवायत है की जब लौंडी बदकारी करे और उसके उस फेल की तहकीकात हो जावे तो उसको हद (बंदिश) लगाईं जावे और डांट फटकार न की जावे फिर अगर दुबारा उससे यह फेल सरजद हो तो उसकी हद लगाईं जावे और जज (डांट फटकार) व तौफिख (झिडकना) न की जावे | अगर तीसरी बार फिर अमल करे तो उसे बेच डाले | ख्वाह बाल की रस्सी के मुआवजे में” | कलामे पाक अर्थात कुरान में जो हम पीछे दे चुके हैं उसमें खुलासा लिखा है की- …………………………………………………………..“लौंडी से जबर्दस्ती व्यभिचार करने … Continue reading Women in Islam (लौंडी (रखैल) औरत) Aacharya Shri Ram Sharma→
यहूदी और कुरानी खुदाओ के आदेश यहूदी धर्म की पुस्तक तौरेत जिसे कुरानी खुदा ने खुदाई किताब का दर्जा दिया है, तथा कुरान में कई जगहों पर खुदाई घोषित किया हैं उसमें व्यवस्था विवरण वाले प्रकरण के न० २४ में लिखा है की- (१) यदि कोई पुरुष किसी स्त्री को ब्याह ले और उसके बाद उसमें कुछ लज्जा की बात पाकर उससे अप्रसन्न हो, तो वह उसके लिए त्यागपत्र लिख कर और उस त्याग पत्र को उसके हाथ में देकर उसको अपने घर से निकाल दे | (२) और जब वह उसके घर से निकल जाए तो तभी वह औरत किसी दुसरे पुरुष की हो सकती है | (३) परन्तु यदि वह औरत उस दुसरे पुरुष को भी … Continue reading Women in Islam: Aacharya Shri Ram Sharma→
पिछली पोस्ट बाईबिल मे अंतर्विरोध से आगे- 5परमात्मा थक जाता है और विश्राम करता है- 17 वह मेरे और इस्त्राएलियों के बीच सदा एक चिन्ह रहेगा, क्योंकि छ: दिन में यहोवा ने आकाश और पृथ्वी को बनाया, और सातवें दिन विश्राम करके अपना जी ठण्डा किया॥ (निर्गमन 31:17) 6 यहोवा की यह वाणी है कि तू मुझ को त्यागकर पीछे हट गई है, इसलिये मैं तुझ पर हाथ बढ़ाकर तेरा नाश करूंगा; क्योंकि, मैं तरस खाते खाते उकता गया हूँ।(यिर्मयाह 15:6) 24 तू मेरे लिये सुगन्धित नरकट रूपऐ से मोल नहीं लाया और न मेलबलियों की चर्बी से मुझे तृप्त किया। परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाट दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया … Continue reading बाईबिल मे अन्तर्विरोध भाग2→
मित्रो इसाई ओर मुस्लिम समुदाय अपनी अपनी किताबो को परमात्मा की भेजी बताते है जबकि दोनो के अध्ययन से पता चलता है कि दोनो मे परस्पर विरोधी वचन होने से ये मानवकृत किताबे है। इससे पहले हमने कुरान मे अंतर्विरोध बताया था अब बाईबिल मे देखे- 1 परमेश्वर अपने कार्यो से संतुष्ट है- 31 तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया॥(उत्पत्ति 1:31) 14 मुझ यहोवा ही ने यह कहा है; और वह हो जाएगा, मैं ऐसा ही करूंगा, मैं तुझे न छोड़ूंगा, न तुझ पर तरस खऊंगा न पछताऊंगा; तेरे चालचलन और कामों ही के अनुसार तेरा न्याय … Continue reading बाईबिल मे अंतर्विरोध→
अम्बेडकर वादी खुद को बुद्ध का अनुयायी कहते है लेकिन खुद बुद्ध के ही उपदेशो की धजिय्या उठाते है | सनातन धर्म पर अपनी कुंठित मानसिकता के कारण ये कभी वेद आदि आर्ष ग्रंथो पर अपनी खुन्नस उतारते है | तो कभी कभी महापुरुषों को गालिया देंगे जैसे की मनु को ,श्री राम ,कृष्ण ,दुर्गा आदि को .. अपने इसी मानसिकता के चलते ये कभी रावन शाहदत दिवस, महिषासुर शाहदत दिवस आदि मानते रहते है | अपनी इसी विरोधी मानसिकता के चलते ये गौ मॉस की मांग करने लगे है जिसे आप इस लिंक पर देख सकते है :- http://m.bhaskar.com/article/referer/521/NAT-tiss-campus-become-the-latest-battleground-of-food-politics-4708256-PHO.html?pg=2 ये लोग खुद को बुद्ध का अनुयायी कहते है लेकिन बुद्ध की अंहिसा ,शाकाहार,गौ संरक्षण आदि सिधान्तो को एक ओर … Continue reading महात्मा बुद्ध ओर गौ संरक्षण→
कुरान में बीबियाँ बदलने का आदेश कुरान में लिखा है की- “अगर तुम्हारा इरादा एक बीबी को बदल कर उसकी जगह दूसरी बीबी करने का हो तो जो तुमने पहिली बीबी को बहुत सामान दे दिया हो तो भी उसमे से कुछ भी न लेना | क्या किसी को तौहमत लगा कर जाहिर बेजा बात करके अपना दिया हुआ वापिस लेते हो ?” (कुरान सुरह निसा आयत २०) तलाक देकर या बिना तलाक दिए मर्दों को इच्छानुसार आपस में अपनी बीबियाँ बदल लेने का अधिकार कुरान ने इस शर्त पर दिया है की इसे दिया हुआ माल वापिस न लिया जावे | इस शर्त का पालन करने वाले दो दोस्त आपस में अपनी बीबियाँ ऐसे ही … Continue reading इस्लाम में नारी की स्थिति – २ :- कुरान में बीबियाँ बदलने का आदेश→
संसार में सभी सभ्य जातियों के लोग नारी जाति की रक्षा करना उसका सम्मान करना अपना सर्वोपरि धर्म समझते है | “नारी” पुत्री, बहिन व् माता के रूप में सम्मान की पात्र होती है | विवाहित होने पर अपने पति के साथ गृहस्थ जीवन में पति की जीवनसंगिनी के रूप में जीवन को आनन्द से भरपूर रखने वाली गृहस्थ की चिंताओं से पति को मुक्त रखने वाली, तथा सामाजिक कार्यो में मंत्री के रूप में सलाह देने वाली, सेविका के समान उसकी अनुचरी –माँ के समान प्रेम से उसे भोजन से तृप्त रखने वाली और सृष्टिक्रम को जारी रखने वाली, श्रेष्ठ सन्तान को जन्म देने वाली, उसकी सर्वप्रथम शिक्षिका के रूप में निर्मात्री होती है | हिन्दू धर्म में नारी … Continue reading इस्लाम में नारी की स्थिति – १. बहुविवाह प्रथा→