महात्मा बुद्ध ओर गौ संरक्षण

अम्बेडकर वादी खुद को बुद्ध का अनुयायी कहते है लेकिन खुद बुद्ध के ही उपदेशो की धजिय्या उठाते है |
सनातन धर्म पर अपनी कुंठित मानसिकता के कारण ये कभी वेद आदि आर्ष ग्रंथो पर अपनी खुन्नस उतारते है | तो कभी कभी महापुरुषों को गालिया देंगे जैसे की मनु को ,श्री राम ,कृष्ण ,दुर्गा आदि को ..
अपने इसी मानसिकता के चलते ये कभी रावन शाहदत दिवस, महिषासुर शाहदत दिवस आदि मानते रहते है |
अपनी इसी विरोधी मानसिकता के चलते ये गौ मॉस की मांग करने लगे है जिसे आप इस लिंक पर देख सकते है :- http://m.bhaskar.com/article/referer/521/NAT-tiss-campus-become-the-latest-battleground-of-food-politics-4708256-PHO.html?pg=2
ये लोग खुद को बुद्ध का अनुयायी कहते है लेकिन बुद्ध की अंहिसा ,शाकाहार,गौ संरक्षण आदि सिधान्तो को एक ओर कर अपनी विरोधी ओर कुंठित मानसिकता का परिचय दिया है| जबकि बुद्ध के गौ संरक्षण पर निम्न उपदेश है :-
उन्होंने गो हत्या का विरोध किया और गो पालन को अत्यंत महत्व दिया ।
यथा माता सिता भ्राता अज्ञे वापि च ज्ञातका ।
गावो मे परमा मित्ता यातु जजायंति औषधा ॥
अन्नदा बलदा चेता वण्णदा सुखदा तथा ।
एतवत्थवसं ज्ञत्वा नास्सुगावो हनिं सुते ॥
माता, पिता, परिजनों और समाज की तरह गाय हमें प्रिय है । यह अत्यंत सहायक है । इसके दूध से हम औषधियाँ बनाते हैं । गाय हमें भोजन, शक्ति, सौंदर्य और आनंद देती है । इसी प्रकार बैल घर के पुरुषों की सहायता करता है । हमें गाय और बैल को अपने माता-पिता तुल्य समझना चाहिए । (गौतम बुद्ध)
गोहाणि सख्य गिहीनं पोसका भोगरायका ।
तस्मा हि माता पिता व मानये सक्करेय्य च् ॥ १४ ॥
ये च् खादंति गोमांसं मातुमासं व खादये ॥ १५ ॥
गाय और बैल सब परिवारों को आवश्यक और यथोचित पदार्थ देते हैं । अतः हमें उनसे सावधानी पूर्वक और माता पिता योग्य व्यवहार करना चाहिए । गोमांस भक्षण अपनी माता के मांस भक्षण समान है । (लोकनीति ७)
गाय की समृद्धि से ही राष्ट्र की समृद्धि होगी । (सम्राट अशोक)

अत: पता चलता है की नव बुद्ध अम्बेडकरवादी बुद्ध मत के अनुयायी नही है ये नस्तिक्वादी केवल अम्बेडकर के ही अनुयायी है अपनी सुविधा अनुसार कभी बुद्ध के उपदेशो का इस्तेमाल करते है तो कभी खूटे पर टांग देते है| अगर बुद्ध के वास्तविक अनुयायी होते तो गौ मॉस तो क्या किसी भी प्राणी के मॉस की मांग न करते|

7 thoughts on “महात्मा बुद्ध ओर गौ संरक्षण”

  1. एक लेख में स्वयं ही यह साबित करते हैं कि बुद्ध तर्कवादी नहीं थे।
    अब अपनी बात साबित करने के लिए बुद्ध का ही सहारा??

  2. लेखक जाने कौन सी दुनिया का है जो यह नहीं जानता कि अम्बेडकरवादी मुस्लिम व विदेशी नहीं बल्कि इसी देश के दलित व शोषित हैं।

  3. hamko malun hai ki ram aur sita kahani
    shrikrush ki kahaniya
    ye lekhakh kahe sanatan dharmoka jo histry
    hum logoko malum hai
    jo sachai hai vahi likhe
    varna bahot bura ho jayega

    1. नमस्ते सुनील जी
      सत्य को सदैव अपनाने के लिए तत्पर रहना चाहिए
      व्यर्थ क्रोध करना उचित नहीं

  4. कुछ लोग यह फैला रहे हैं कि वेदों में ऐसा लिखा है ऋषि मुनि गौ मांस खाते थे जितना मेरा अध्ययन है यह तर्क प्राप्त करने में मैं असफल रहा कृपया इस भ्रांति को दूर करें।

    1. नमस्ते सिद्धांत जी

      http://www.onlineved.com यहाँ पर आपको चारों वेद मिलेंगे, यहाँ आप एक शब्द लिखकर सर्च कर सकते है जैसे आप मांस लिखेंगे to यह शब्द जहाँ जहाँ होगा वो मन्त्र आपके सामने होगा to वहां खोजकर पता लगा सकते है की उक्त बात में कितनी सच्चाई है

      वेसे यह निराधार आरोप है की वेदों में यह लिखा है की ऋषि मुनि मांस खाते थे

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