सभी मित्रो – जैसे की पिछली ४ पोस्ट से ये पोल खोल चालू है – की ईसाई पैगम्बर अत्यंत ही चरित्रहीन थे – खुद बाइबिल ऐसा प्रमाणित करती है – मगर फिर भी हमारे कुछ हिन्दू भाई – इस पाखंड में फंसते जाते हैं – क्योंकि वो बाइबिल को पढ़ते नहीं – और जो कुछ पढ़ते हैं – वो सही से समझते नहीं – आइये अपने हिन्दू भाइयो को इस पाखंड रुपी चुंगल से निकालने के लिए सहयोग करे और इस पोस्ट के माध्यम से सत्य को एक बार फिर प्रसारित करे –
आज जिन महान पैगम्बर की चरित्रहीनता का जिक्र इस पोस्ट में किया जायेगा – वो इतने महान थे – की उन्होंने न केवल अपने फायदे और कामपिपासा को शांत करने के लिए अपने खुदा (यहोवा) की आज्ञा का अपमान किया – बल्कि इस बाइबिल में अपने खुदा (यहोवा) से इस कृत्य के लिए आशीर्वाद भी प्राप्त किया –
ऐसा लिखवा दिया –
आइये एक नजर डाले – आखिर माजरा क्या है –
बाइबिल में अनेक जगह पर यहोवा कहता है –
शापित हो वह जो अपनी बहिन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, उस से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥
व्यवस्थाविवरण, अध्याय २७:२२)
और यदि कोई अपनी बहिन का, चाहे उसकी संगी बहिन हो चाहे सौतेली, उसका नग्न तन देखे, तो वह निन्दित बात है, वे दोनों अपने जाति भाइयों की आंखों के साम्हने नाश किए जाएं; क्योंकि जो अपनी बहिन का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा उसे अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा।
लैव्यव्यवस्था, अध्याय २०:१७)
तो उपरलिखित प्रमाणों से सिद्ध है की अपनी बहिन – चाहे सगी हो अथवा सौतेली – उस से यदि कोई गलत काम करता है – तो वो व्यभिचारी है – यानी ऐसा मनुष्य चरित्रहीन है – निन्दित है – और उसका नाश किया जाए –
बात बिलकुल ठीक है – कायदे की है – ऐसा ही होना चाहिए – मगर मेरी उस वक़्त आँख फटी की फटी रह गयी जब मेने – महान ईसाई पैगम्बर “इब्राहिम” का जिक्र बाइबिल में पढ़ा –
अरे दादा इतना घोर अनर्थ – इतना व्यभिचारी पैगम्बर ? अपनी ही बहिन को अपनी हवस का शिकार बना डाला ?
छिः धिक्कार है ऐसी बाइबिल पर और ऐसे ईश्वर पर जो एक जगह कहता कुछ है – और जब पैगम्बर की बात आई तो बदल गया ? क्या ऐसा भी ईश्वर का काम हो सकता है ?
देखिये
इब्राहिम ने कहा, मैं ने यह सोचा था, कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।
(उत्पत्ति, अध्याय २०:११)
और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गई।
(उत्पत्ति, अध्याय २०:११)
ईसाई मित्रो देखो आपका पैगम्बर – जिसने अपने ही खुदा की कही बात को मिटटी में मिला दिया ?
क्या ऐसे ही पैगम्बर होते हैं ?
पैगम्बर तो वो कहलाते हैं – जो खुदा की बात पर चले – मगर क्या “इब्राहिम” जो महान पैगम्बर थे – खुदा की बात पर अमल कर पाये ? नहीं – क्योंकि अपनी काम पिपासा जो शांत करनी थी ? और देखो अपनी जान बचाने को भी अपनी पत्नी को बहिन बनवा दिया – फिर सच भी बता दिया की हाँ वो बहिन तो है मगर बीवी भी है – क्योंकि इब्राहिम के पिता की बेटी थी – उसके माँ की नहीं ?
क्या ये पैगम्बर के कर्म होते हैं ?
अब देखो आपका खुदा कैसे बदला – क्योंकि पैगम्बर की बात जो है –
फिर परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, तेरी जो पत्नी सारै है, उसको तू अब सारै न कहना, उसका नाम सारा होगा।
(उत्पत्ति, अध्याय १७:१५)
और मैं उसको आशीष दूंगा, और तुझ को उसके द्वारा एक पुत्र दूंगा; और मैं उसको ऐसी आशीष दूंगा, कि वह जाति जाति की मूलमाता हो जाएगी; और उसके वंश में राज्य राज्य के राजा उत्पन्न होंगे।
(उत्पत्ति, अध्याय १७:१६)
अब बताओ – क्या भरोसा किया जाए आपके खुदा का ?
जो अपनी एक बात पर ही टिका नहीं रहता – अरे भाई न्याय तो कम से कम सही होना चाहिए – बल्कि एक पैगम्बर के लिए तो खासकर कोई रियायत नहीं होनी चाहिए – क्योंकि वो एक समाज का नेता होता है – अब यदि नेता ही ऐसे कानून तोड़ने लगे – और यहोवा आशीर्वाद देता रहे – तो आम आदमी क्यों नहीं ये सब पाप कर्म करेगा ?
मेरे ईसाई मित्रो अभी समय है – इस पापयुक्त आचरण से अपने को भ्रष्ट ना करो – ईश्वर की शरण में आओ – सच्ची मुक्ति वेद के द्वारा है – इस झूठी मिलावटी – हर पैगम्बर द्वारा रचित अपने फायदों के लिए बनाई बाइबिल से आपका घर परिवार ही दूषित होगा – और कुछ नहीं
वेद शिक्षा अपनाओ
धर्म में पुनः स्थापित हो जाओ
सत्य और न्याय की और
ईश्वर की सत्य सनातन व्यवस्था की और
चलो चले वेदो की और
नमस्ते