Tag Archives: aryasamaji ban gaya to thik kiya

आर्यसमाजी बन गया तो ठीक किया

आर्यसमाजी बन गया तो ठीक किया

1903 ई0 में गुजराँवाला में एक चतुर मुसलमान शुद्ध होकर धर्मपाल बना। इसने गिरगिट की तरह कई रङ्ग बदले। इस शुद्धिसमारोह में कॉलेज के कई छात्र सज़्मिलित हुए। ऐसे एक युवक

को उसके पिता ने कहा-‘‘हरिद्वार जाकर प्रायश्चिज़ करो, नहीं तो हम पढ़ाई का व्यय न देंगे।’’ प्रसिद्ध आर्य मास्टर लाला गङ्गारामजी को इसका पता लगा। आपने उस युवक को बुलाकर कहा तुम पढ़ते रहो, मैं सारा खर्चा दूँगा। इस प्रकार कई मास व्यतीत हो गये तो लड़के के पिता वज़ीराबाद में लाला गङ्गारामजी से मिले और कहा-‘आप हमारे लड़के को कहें कि वह घर चले, वह आर्यसमाजी बन गया है तो अच्छा ही किया। हमें पता लग गया कि आर्यसमाजी बहुत अच्छे होते हैं।’ ऐसा था आर्यों का आचरण।