पुस्तक – परिचय पुस्तक का नाम- सत्यार्थ प्रकाश दर्शन

पुस्तक – परिचय

पुस्तक का नामसत्यार्थ प्रकाश दर्शन

सपादक प्रदीप कुमार शास्त्री

प्रकाशक शतादी स्मृति ग्रन्थमाला प्रकाशन समिति

आर्य समाज शहर, बड़ा बाजार, सोनीपत, हरियाणा

मूल्य – 60=00        पृष्ठ संखया – 192

प्रस्तुत पुस्तक विक्रम सवत् 2020 के सत्यार्थ प्रकाश-विशेषांक से चयनित कुछ विशिष्ट लेखों पर आधारित है।

महर्षि ने आर्यावर्त्त वासियों के लिए एक अमूल्य भण्डार प्रदान किया है। संसार में पोंगा पंथियों का बोल बाला है। वे भोली-भाली जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। वे स्वयं भी अथाह गर्त में गिर रहे हैं तथा जन मानस को ऊपरी प्रलोभन देकर अपना उल्लू सिद्ध करने के लिए आडमबरों के  जाल में ग्रसित कर रहे हैं। स्वामी जी ने सत्य को सर्वोपरि रखा और आज एवं पूर्व में अर्थात् महाभारत काल के बाद में आये परिवर्तन को वास्तविकता का पाठ पढ़ाया। आज अंधविश्वासों एवं ढोंगियों का जाल फैला हुआ है, इसीलिए वेद-वेदांग और शास्त्रों को पढ़ने एवं सत्य को अपनी बुद्धि की कसौटी पर खरा उतरने के लिए सत्यार्थ प्रकाश पढ़ना-पढ़ाना अत्यन्त आवश्यक है।

स्वस्थ शरीर के लिए चरक संहिता के आधार पर उपचार किया जा सकता है, उसी प्रकार सत्यार्थ प्रकाश के माध्यम से सही ज्ञानार्जन एवं जन कल्याण संभव है। सत्याचरण से मन की, तप से आत्मा की तथा ज्ञान से बुद्धि की शुद्धि होती है। इस प्रकार सत्यार्थ प्रकाश सार के पढ़ने से कायाकल्प होजाता है। इस पुस्तिका में 16 लेख हैं, जिनमें सत्यार्थ प्रकाश क्यों, गृहस्थाश्रम की सफलता के उपाय, सृष्टि उत्पत्ति क्यों और कैसे, क्या विदेश यात्रा पाप है? मूर्ति पूजा विवेचन आदि लेख प्रमुख हैं। पाठक सपूर्ण पुस्तक का स्वाध्याय करेंगे तो पूर्ण आत्मसन्तोष होगा और भावी पीढ़ी का भी कल्याण होगा।

ईश्वर का निज नाम ओ3म् है। ऋषि ने ईश्वर के एक सौ नाम गिनाएँ हैं। धर्म आचार प्रधान है। विदेश यात्रा पाप नहीं, इतिहास की शिक्षा, मांस भक्षण निषेध, भारतीयों की विशेषता, गौरक्षा, मण्डन-खण्डन क्यों- पर आदि विषयों सरल सटीक भाषा में सार तत्त्व के आधार पर समपूर्ण सामग्री है। पाठकों को जीवन में उतारकर अवश्य लाभ उठाना चाहिए। सभी के लिए अनुपम सामग्री है।

– देवमुनि, ऋषि उद्यान, पुष्कर मार्ग, अजमेर।

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