अमर हुतात्मा श्रद्धेय भक्त फूल सिंह: – चन्दराम आर्य

पिछले अंक का शेष भाग…… बरकत अली को उसकी नीचता का उचित दण्डः- बुवाना लाखू के पटवारी बरकत अली और गिरदावर को उनकी इस नीचता का दण्ड देने के लिए आपने अपने छोटे भाई चौधरी रिछुराम को अपने पास बुलाया और अपना सारा हिसाब किताब उनको समझा दिया। आप उन दोनों नराधमों को संसार से मिटाने के लिए उद्यत हो गये। उसी समय एक पत्रवाहक एक पत्र लेकर आपके सामने उपस्थित हुआ वह पत्र उसने आपको दिया। आपने उसे पढ़ा। वह एक आर्य समाजी जिलेदार का था, जिसमें उसने लिखा था आप अत्यावश्यक कार्य छोड़  कर मुझ से मिलें। वे तुरन्त उनसे मिलने चले गये। दोनों की परस्पर आवश्यक बातें हुई। बातों-बातों में आपने दोनों यवनों को मारने का अपना … Continue reading अमर हुतात्मा श्रद्धेय भक्त फूल सिंह: – चन्दराम आर्य

दासता के 66 वर्ष तिब्बत की दासता की व्यथा कथा निर्वासित सरकार के शब्दों में

तिब्बत परिचयः– तिब्बत सामान्यतः ‘विश्व की छत’ के रूप में जाना जाता है। भारत के दो तिहाई आकार से अधिक यह पश्चिम से पूर्व तक 2,500 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इस समय विश्व भर में लगभग 60 लाख तिबती हैं। यह ऊँची बर्फ से ढ़की चोटियों से शुरु होकर पथरीली पहाड़ियों और जंगलों से घिरा है। एशिया की चार महानतम नदियाँ- ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, मीकांग और मछु- तिब्बत से निकलती हैं। भारी मात्रा में खनिज और अद्वितीय प्रकार के पौधे और जंगली जानवर यहाँ पाए जाते हैं। सातवीं शतादी में यहाँ इसके पुरातन धर्म बौन के स्थान पर बौद्ध धर्म का प्रचलन आरभ हुआ। अब यह हमारी पहचान का अविभाज्य अंग बन चुका है। लगभग प्रत्येक परिवार के घर में … Continue reading दासता के 66 वर्ष तिब्बत की दासता की व्यथा कथा निर्वासित सरकार के शब्दों में

क्या बिस्मिल्लाह कुरान में पारसियों की नकल से लिखा गया ?

मुस्लमान कुरान के बारे में दावा करते हैं की कुरआन मुहम्मद साहब पर नाजिल हुआ (उतरा ). ये खुदा का नवीनतम ज्ञान है जो खुदा ने अपनी पुरानी किताबों को निरस्त कर मुहम्मद साहब को दिया . कुरआन की शुरुआत बिस्मिल्लाह से की जाती है . कुरान के अधिकतर सुरों की शुरुआत बिस्मिल्लाह से ही हुयी है . इस लिहाज़ से ये कुछ खास हो जाता है . अधिकतर कार्यों को करते हुए भी बिस्मिल्लाह पढ़ना शुभ माना जाता है यहाँ तक की सम्भोग करते हुए भी बिस्मिल्लाह पढने की रिवायतें हदीसों में मिलती हैं. व्यक्ति कुछ लिखना आरम्भ करने से पहले सामान्यतया कुछ न कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं . जैसे भारतवर्ष में जब कोई व्यकित किताब … Continue reading क्या बिस्मिल्लाह कुरान में पारसियों की नकल से लिखा गया ?

OpEd: How Islam Creates Sociopaths: Nicolai Sennels

Psychopathic people and behavior are found within all cultures and religions. But one tops them all — by many lengths The daily mass killings, terror, persecutions and family executions committed by the followers of Islam are nauseating, and the ingenuity behind the attacks — always looking for new and more effective ways of killing and terrorizing people — is astonishing: hijacking jumbo jets and flying them into skyscrapers, hunting unarmed and innocent people with grenades and automatic rifles in shopping malls, planting bombs in one’s own body, using model airplanes as drones, attaching large rotating blades to pickup trucks and using them as human lawn movers, killing family members with acid or fire, hanging people publicly from cranes in front of cheering crowds, etc.in addition to stabbing people in the … Continue reading OpEd: How Islam Creates Sociopaths: Nicolai Sennels

अहिंसक होने का दण्ड: डॉ धर्मवीर

एक दिन चीनी गणराज्य ने अपने आपको राजशाही से मुक्त कर साम्यवादी  शासन घोषित कर दिया। साम्यवादी की विचारधारा ने भले ही इंग्लैण्ड में जन्म लिया हो परन्तु विचारधरा फलित हुई चीन और रूस में। चीन ने 1949 में साम्यवादी शासन का प्रारभ किया। पूंजीवाद के विरोध में संसार का सबसे मुखर स्वर बन कर उभरा। साम्यवादी आक्रमकता ने सभी देशों में पुरानी परपरा और संस्कृति को नष्ट कर साम्यवादी के झण्डे के नीचे लाना अपना कर्त्तव्य माना। चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति के माध्यम से पड़ोसी देशों पर बलपूर्वक अधिकार करना प्रारभ किया। चीन ने 1947 के बाद अपना विस्तार करते हुए 7 अक्टूबर 1950 में 40 हजार चीनी सैनिकों के साथ तिब्बत पर आक्रमण कर दिया। यह आक्रमण … Continue reading अहिंसक होने का दण्ड: डॉ धर्मवीर

वैदिक धर्म प्रेमी एवं दयानन्दभक्त श्री शिवनाथ आर्य’ -मनमोहन कुमार आर्य

— यस्य कीर्ति सः जीवति — श्री शिवनाथ आर्य हमारी युवावस्था के दिनों के निकटस्थ मित्र थे। उनसे हमारा परिचय आर्यसमाज धामावाला देहरादून में सन् 1970 से 1975 के बीच हुआ था। दोनों की उम्र में अधिक अन्तर नहीं था। वह अद्भुत प्रकृति वाले आर्यसमाजी थे। उनके विलक्षण व्यक्तित्व के कारण मैं उनकी ओर खिंचा और हम दोनों में मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बन गये जो समय के साथ साथ निकटतर व निकटतम होते गये। श्री शिवनाथ जी हमारे ही मोहल्ले में हमारे घर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक किराये के भवन में रहते थे। पांच पुत्रों और दो पुत्रियों का आपका भरापूरा परिवार था। आप देहरादून के कपड़ों के प्रसिद्ध बाजार रामा मार्किट में एक दर्जी की दुकान … Continue reading वैदिक धर्म प्रेमी एवं दयानन्दभक्त श्री शिवनाथ आर्य’ -मनमोहन कुमार आर्य

इस्लाम शान्ति का मज़हब!

आज विश्व आतंकवाद से लड़ रहा है. विश्व का प्रत्येक देश किसी न किसी रूप में इस समस्या से ग्रस्त है. आतंकवाद का भयानक रूप आज मुस्लिम देशों में देखने को मिल रहा है . पाकिस्तान अफगानिस्तान इरान ईराक सीरिया इत्यादि देश आतंकवाद के प्रजनन की धुरी बने हुए हैं .ये  सभी देश इस्लामिक मान्यताओं से ताल्लुक रखते हैं और इनमें पनप रहे आतंकवादी संगठन भी इस्लाम को विश्व भर में फैलाने का सपना संजोये हुए तहे दिलो जान से आतंकवाद के माध्यम से विश्व के इस्लामीकरण के सपने को संजोये बेकसूरों के रक्त से होली खेल रहे हैं . मुस्लिम विद्वानो और प्रचारकों के अनुसार इस्लाम शान्ति का सन्देश देता है और इस्लाम का शाब्दिक अर्थ भी शांती ही … Continue reading इस्लाम शान्ति का मज़हब!

दयानन्द भक्त और क्रान्तिकारियों के प्रथम गुरू पं. श्यामजी कृष्ण वर्म्मा’ -मनमोहन कुमार आर्य

गुजरात की भूमि में महर्षि दयानन्द के बाद जो दूसरे प्रसिद्ध क्रान्तिकारी देशभक्त महापुरूष उत्पन्न हुए, वह ‘पं. श्यामजी  कृष्ण वर्म्मा’ के नाम से विख्यात हैं। पं. श्यामजी कृष्ण वर्म्मा ने देश से बाहर इंग्लैण्ड, पेरिस और जेनेवा में रहकर देश को अंग्रेजों की दासता से पूर्ण स्वतन्त्र कराने के लिए अनेक विध प्रशंसनीय कार्य किये। उनका जन्म 4 अक्तूबर, सन् 1857 को गुजरात के कच्छ भूभाग के माण्डवी नामक कस्बे में श्री कृष्णजी भणसाली के यहां एक निर्धन वैश्य परिवार में हुआ था। आप आयु में महर्षि दयानन्द जी से लगभग साढ़े बत्तीस वर्ष छोटे थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा माण्डवी की ही एक प्राइमरी पाठशाला में हुई। जब आप 10 वर्ष के हुए तो आपकी माताजी का देहान्त हो … Continue reading दयानन्द भक्त और क्रान्तिकारियों के प्रथम गुरू पं. श्यामजी कृष्ण वर्म्मा’ -मनमोहन कुमार आर्य

We Now Have Concrete Proof for Love Jihad By Balbir Punj

After several instances of young Muslim boys enticing Hindu and Christian girls in Kerala, Karnataka, Andhra and several other parts of the country with the show of wealth and promises of marriage and then, ferrying them to Kashmir and other places, converting them and recruiting them forcibly into Islamist Jihad came to light, concerns at this Love Jihad were raised. But, our so-called secularist lobby started dismissing these concerns as myths and communal propaganda. What happened last week when the United Arab Emirates (UAE) deported to India a Hyderabad resident lady on charges of secretly working as a recruiting agent for the ISIS through a concealed identity has blasted the secularists’ apology on the charges of Love Jihad. On her … Continue reading We Now Have Concrete Proof for Love Jihad By Balbir Punj

‘गुजरात के सोमनाथ मन्दिर की लूट पर महर्षि दयानन्द का शिक्षाप्रद व्याख्यान’-मनमोहन कुमार आर्य

महर्षि दयानंद सरस्वती मूर्तिपूजा का वेदविरुद्ध व अकरणीय मानते थे। उनका यह भी निष्कर्ष था कि देश के पतन में मूर्तिपूजा, फलित ज्योतिष, ब्रह्मचर्य का सेवन न करना, बाल विवाह, विधवाओं की दुर्दशा, पुरूषों के चारित्रिक ह्रास, सामाजिक कुव्यवस्था, असमानता व विषमता तथा स्त्री व शूद्रों की अशिक्षा आदि कारण प्रमुख थे। विचार करने पर महर्षि दयानन्द की बातें सत्य सिद्ध होती हैं। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ महर्षि दयानन्द जी का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ के ग्याहरवें समुल्लास में आर्यावर्तीय मतमतान्तरों का खण्डन-मण्डन विषय प्रस्तुत किया गया है। ग्याहरवें समुल्लास की भूमिका में महर्षि दयानन्द ने लिखा है कि इस समुल्लास में उनके द्वारा प्रस्तुत खण्डन मण्डन कर्म से यदि लोग उपकार न मानें तो विरोध भी न करें। क्योंकि उनका … Continue reading ‘गुजरात के सोमनाथ मन्दिर की लूट पर महर्षि दयानन्द का शिक्षाप्रद व्याख्यान’-मनमोहन कुमार आर्य

आर्य मंतव्य (कृण्वन्तो विश्वम आर्यम)