और ‘मध्यम्’ राजा का आचरण का तथा ‘विजिगीषु’ राजा के प्रयत्नों का तथा ‘उदासीन’ राजा की स्थिति का एवं शत्रु राजा के आचरण एवं स्थिति आदि का भी प्रयत्नपूर्वक विचार करे अर्थात् विचार करके तदनुसार प्रयत्न भी करे ।
और ‘मध्यम्’ राजा का आचरण का तथा ‘विजिगीषु’ राजा के प्रयत्नों का तथा ‘उदासीन’ राजा की स्थिति का एवं शत्रु राजा के आचरण एवं स्थिति आदि का भी प्रयत्नपूर्वक विचार करे अर्थात् विचार करके तदनुसार प्रयत्न भी करे ।