और सम्पूर्ण अष्टविध कर्म तथा पंच्चवर्गंदूतों की व्यवस्था अनुराग – लगाव और अपराग स्नेह का अभाव – द्वेष तथा राज्यमण्डल की स्थिति एवं आचरण इन बातों पर ठीक ठीक चिन्तन करे ।
और सम्पूर्ण अष्टविध कर्म तथा पंच्चवर्गंदूतों की व्यवस्था अनुराग – लगाव और अपराग स्नेह का अभाव – द्वेष तथा राज्यमण्डल की स्थिति एवं आचरण इन बातों पर ठीक ठीक चिन्तन करे ।