संक्षेप में ये चार (मध्यम, विजिगीषु, उदासीन और शत्रु) राज्यमण्डल की मूल प्रकृतियाँ – मूल रूप से विचारणीय स्थितयां या विषय हैं और आठ प्रकृतियां और कही गई हैं इस प्रकार वे कुल मिला कर बारह होती हैं ।
संक्षेप में ये चार (मध्यम, विजिगीषु, उदासीन और शत्रु) राज्यमण्डल की मूल प्रकृतियाँ – मूल रूप से विचारणीय स्थितयां या विषय हैं और आठ प्रकृतियां और कही गई हैं इस प्रकार वे कुल मिला कर बारह होती हैं ।