Adhyay : 9 Mantra : 152 Back to listings सर्वं वा रिक्थजातं तद्दशधा परिकल्प्य च । धर्म्यं विभागं कुर्वीत विधिनानेन धर्मवित् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related