Adhyay : 9 Mantra : 151 Back to listings त्र्यंशं दायाद्धरेद्विप्रो द्वावंशौ क्षत्रियासुतः । वैश्याजः सार्धं एवांशं अंशं शूद्रासुतो हरेत् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related