अरक्षिता गृहे रुद्धाः पुरुषैराप्तकारिभिः । आत्मानं आत्मना यास्तु रक्षेयुस्ताः सुरक्षिताः

यह स्त्री-पुरुषों के लिये सदा शुभ लोकव्यवहार कहा, अब परजन्म और इस जन्म में सुखदायक सन्तानोत्पत्ति सम्बन्धी धर्मों को सुनो –

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