जब अर्थी – वादी और प्रत्यर्थी – प्रतिवादी के सामने सभा के समीप प्राप्त हुए साक्षियों को शान्ति पूर्वक न्यायाधीश और प्राड्विवाक् अर्थात् वकील वा बैरिस्टर इस प्रकार से पूछें ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
जब अर्थी – वादी और प्रत्यर्थी – प्रतिवादी के सामने सभा के समीप प्राप्त हुए साक्षियों को शान्ति पूर्वक न्यायाधीश और प्राड्विवाक् अर्थात् वकील वा बैरिस्टर इस प्रकार से पूछें ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)