Adhyay : 8 Mantra : 285 Back to listings वनस्पतीनां सर्वेषां उपभोगो यथा यथा । यथा तथा दमः कार्यो हिंसायां इति धारणा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related