Adhyay : 8 Mantra : 284 Back to listings त्वग्भेदकः शतं दण्ड्यो लोहितस्य च दर्शकः । मांसभेत्ता तु षण्निष्कान्प्रवास्यस्त्वस्थिभेदकः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related