Adhyay : 8 Mantra : 283 Back to listings केशेषु गृह्णतो हस्तौ छेदयेदविचारयन् । पादयोर्दाढिकायां च ग्रीवायां वृषणेषु च । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related