आकारों से संकेतों से चाल से चेष्टा – हरकत से और बोलने से तथा नेत्र एवं मुख के विकारों – हावभावों से मनुष्यों के मन का भीतरी भाव मालूम हो जाता है ।
आकारों से संकेतों से चाल से चेष्टा – हरकत से और बोलने से तथा नेत्र एवं मुख के विकारों – हावभावों से मनुष्यों के मन का भीतरी भाव मालूम हो जाता है ।