बालदायादिकं रिक्थं तावद्राजानुपालयेत् । यावत्स स्यात्समावृत्तो यावच्चातीतशैशवः ।

राजा बालक अर्थात् नाबालिग या अनाथ बालक की पैतृक सम्पति और अन्य धन – दौलत की तब तक रक्षा करे जब तक वह बालक समावर्तन संस्कार होकर अर्थात् गुरूकुल से स्नातक बनकर आये और जब तक वह बालिग हो जाये ।

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