Adhyay : 7 Mantra : 85 Back to listings समं अब्राह्मणे दानं द्विगुणं ब्राह्मणब्रुवे । प्राधीते शतसाहस्रं अनन्तं वेदपारगे । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related