Adhyay : 7 Mantra : 84 Back to listings न स्कन्दते न व्यथते न विनश्यति कर्हि चित् । वरिष्ठं अग्निहोत्रेभ्यो ब्राह्मणस्य मुखे हुतम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related