मृगयाक्षो दिवास्वप्नः परिवादः स्त्रियो मदः । तौर्यत्रिकं वृथाट्या च कामजो दशको गणः । ।

काम से उत्पन्न हुए व्यसन गिनाते हैं……………. मृगया (शिकार) खेलना अक्ष अर्थात् चोपड़ खेलना, जूआ खेलना आदि दिन में सोना काम कथा वा दूसरे की निंदा किया करना स्त्रियों का अति संग मादक द्रव्य अर्थात् मद्य, अफीम, भांग, गांजा, चरस आदि का सेवन गाना, बजाना, नाचना व नाच कराना सुनना और देखना (ये तीन बातें) इधर – उधर घूमते रहना ये दश कामोत्मन्न व्यसन हैं ।

(स० प्र० षष्ठ समु०)

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