Adhyay : 6 Mantra : 19 Back to listings नक्तं चान्नं समश्नीयाद्दिवा वाहृत्य शक्तितः । चतुर्थकालिको वा स्यात्स्याद्वाप्यष्टमकालिकः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related