सद्यः प्रक्षालको वा स्यान्माससंचयिकोऽपि वा । षण्मासनिचयो वा स्यात्समानिचय एव वा

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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