स्पृशन्ति बिन्दवः पादौ य आचामयतः परान् । भौमिकैस्ते समा ज्ञेया न तैराप्रयतो भवेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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