Adhyay : 5 Mantra : 142 Back to listings स्पृशन्ति बिन्दवः पादौ य आचामयतः परान् । भौमिकैस्ते समा ज्ञेया न तैराप्रयतो भवेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related