Adhyay : 5 Mantra : 140 Back to listings शूद्राणां मासिकं कार्यं वपनं न्यायवर्तिनाम् । वैश्यवच्छौचकल्पश्च द्विजोच्छिष्टं च भोजनम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related