Adhyay : 5 Mantra : 139 Back to listings त्रिराचामेदपः पूर्वं द्विः प्रमृज्यात्ततो मुखम् । शरीरं शौचं इच्छन्हि स्त्री शूद्रस्तु सकृत्सकृत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related