वसा शुक्रं असृङ्मज्जा मूत्रविट्घ्राणकर्णविट् । श्लेश्म अश्रु दूषिका स्वेदो द्वादशैते नृणां मलाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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