Adhyay : 4 Mantra : 4 Back to listings ऋतामृताभ्यां जीवेत्तु मृतेन प्रमृतेन वा । सत्यानृताभ्यां अपि वा न श्ववृत्त्या कदा चन । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related