Adhyay : 4 Mantra : 5 Back to listings ऋतं उञ्छशिलं ज्ञेयं अमृतं स्यादयाचितम् । मृतं तु याचितं भैक्षं प्रमृतं कर्षणं स्मृतम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related