आत्मचिन्तन का आदेश एवं फल –
प्रतिदिन एकान्त में बैठकर अकेला अर्थात् स्वयं अपनी आत्मा में अपने कल्याण की बातों का चिन्तन करे क्यों कि एकाकी चिन्तन करने वाला व्यक्ति अधिकाधिक कल्याण को प्राप्त करता जाता है ।
आत्मचिन्तन का आदेश एवं फल –
प्रतिदिन एकान्त में बैठकर अकेला अर्थात् स्वयं अपनी आत्मा में अपने कल्याण की बातों का चिन्तन करे क्यों कि एकाकी चिन्तन करने वाला व्यक्ति अधिकाधिक कल्याण को प्राप्त करता जाता है ।