. यह गृहस्थ द्विज की नित्य की वृत्ति या दिनचर्या कही और सतोगुण की वृद्धि करने वाला श्रेष्ठ स्नातकगृहस्थ के व्रतों के विधान को भी कहा ।
. यह गृहस्थ द्विज की नित्य की वृत्ति या दिनचर्या कही और सतोगुण की वृद्धि करने वाला श्रेष्ठ स्नातकगृहस्थ के व्रतों के विधान को भी कहा ।