Adhyay : 4 Mantra : 231 Back to listings वासोदश्चन्द्रसालोक्यं अश्विसालोक्यं अश्वदः । अनडुहः श्रियं पुष्टां गोदो ब्रध्नस्य विष्टपम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related