वासोदश्चन्द्रसालोक्यं अश्विसालोक्यं अश्वदः । अनडुहः श्रियं पुष्टां गोदो ब्रध्नस्य विष्टपम्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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