हिरण्यं आयुरन्नं च भूर्गौश्चाप्योषतस्तनुम् । अश्वश्चक्षुस्त्वचं वासो घृतं तेजस्तिलाह्प्रजाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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