Adhyay : 4 Mantra : 103 Back to listings विद्युत्स्तनितवर्षेषु महोल्कानां च संप्लवे । आकालिकं अनध्यायं एतेषु मनुरब्रवीत् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related