Adhyay : 4 Mantra : 104 Back to listings एतांस्त्वभ्युदितान्विद्याद्यदा प्रादुष्कृताग्निषु । तदा विद्यादनध्यायं अनृतौ चाभ्रदर्शने Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related