Adhyay : 4 Mantra : 102 Back to listings कर्णश्रवेऽनिले रात्रौ दिवा पांसुसमूहने । एतौ वर्षास्वनध्यायावध्यायज्ञाः प्रचक्षते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related