Adhyay : 4 Mantra : 10 Back to listings वर्तयंश्च शिलोञ्छाभ्यां अग्निहोत्रपरायणः । इष्टीः पार्वायणान्तीयाः केवला निर्वपेत्सदा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related