Adhyay : 3 Mantra : 271 Back to listings संवत्सरं तु गव्येन पयसा पायसेन च । वार्ध्रीणसस्य मांसेन तृप्तिर्द्वादशवार्षिकी । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related