Adhyay : 3 Mantra : 270 Back to listings दशमासांस्तु तृप्यन्ति वराहमहिषामिषैः । शशकूर्मयोस्तु मांसेन मासानेकादशैव तु । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related