Adhyay : 3 Mantra : 269 Back to listings षण्मासांश्छागमांसेन पार्षतेन च सप्त वै । अष्टावेनस्य मांसेन रौरवेण नवैव तु Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related