Adhyay : 3 Mantra : 251 Back to listings पृष्ट्वा स्वदितं इत्येवं तृप्तानाचामयेत्ततः । आचान्तांश्चानुजानीयादभितो रम्यतां इति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related