Adhyay : 3 Mantra : 252 Back to listings स्वधास्त्वित्येव तं ब्रूयुर्ब्राह्मणास्तदनन्तरम् । स्वधाकारः परा ह्याषीः सर्वेषु पितृकर्मसु । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related