श्राद्धभुग्वृषलीतल्पं तदहर्योऽधिगच्छति । तस्याः पुरीषे तं मासं पितरस्तस्य शेरते ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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