Adhyay : 3 Mantra : 188 Back to listings निमन्त्रितो द्विजः पित्र्ये नियतात्मा भवेत्सदा । न च छन्दांस्यधीयीत यस्य श्राद्धं च तद्भवेत् । । ३ Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related