Adhyay : 3 Mantra : 187 Back to listings पूर्वेद्युरपरेद्युर्वा श्राद्धकर्मण्युपस्थिते । निमन्त्रयेत त्र्यवरान्सम्यग्विप्रान्यथोदितान् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related