Adhyay : 3 Mantra : 179 Back to listings वेदविच्चापि विप्रोऽस्य लोभात्कृत्वा प्रतिग्रहम् । विनाशं व्रजति क्षिप्रं आमपात्रं इवाम्भसि Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related