Adhyay : 3 Mantra : 159 Back to listings पित्रा विवदमानश्च कितवो मद्यपस्तथा । पापरोग्यभिशस्तश्च दाम्भिको रसविक्रयी । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related