Adhyay : 3 Mantra : 158 Back to listings अगारदाही गरदः कुण्डाशी सोमविक्रयी । समुद्रयायी बन्दी च तैलिकः कूटकारकः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related