Adhyay : 3 Mantra : 160 Back to listings धनुःशराणां कर्ता च यश्चाग्रेदिधिषूपतिः । मित्रध्रुग्द्यूतवृत्तिश्च पुत्राचार्यस्तथैव च । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related