Adhyay : 3 Mantra : 126 Back to listings सत्क्रियां देशकालौ च शौचं ब्राह्मणसंपदः । पञ्चैतान्विस्तरो हन्ति तस्मान्नेहेत विस्तरम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related